[ चार ]
ठंढ एक-सी पर लड़ने की
अलग-अलग धारा
भीखाराम और भीखू का
अलग-अलग पारा।
भीखाराम शाल ओढे हैं
पास रखा "ब्लोअर"
भीखू के तन पर गंजी है
और फटा नेकर
एक तोन्द पर हाथ फेरता
एक सर्वहारा।
एक तरफ "चियर्स"
कहकर वे
टकराते प्याले
एक तरफ अक्सर पड़ते हैं
रोटी के लाले
खुले आसमां के नीचे
करना पडे गुज़ारा।
भीखाराम के नाती-पोते
पहुँच गये "औली"
पिट्ठू बना संग में भीखू
लादे है झोली
हिमघाटी में जमा बर्फ-सा
बे-बस बंजारा।
मनु के बेटे हैं सारे ही
कहती है पोथी
और जले
पर नमक छिड़कती
राजनीति थोथी
सभागार में उछल रहा है
समता का नारा।
-शैलेन्द्र शर्मा
ठंढ एक-सी पर लड़ने की
अलग-अलग धारा
भीखाराम और भीखू का
अलग-अलग पारा।
भीखाराम शाल ओढे हैं
पास रखा "ब्लोअर"
भीखू के तन पर गंजी है
और फटा नेकर
एक तोन्द पर हाथ फेरता
एक सर्वहारा।
एक तरफ "चियर्स"
कहकर वे
टकराते प्याले
एक तरफ अक्सर पड़ते हैं
रोटी के लाले
खुले आसमां के नीचे
करना पडे गुज़ारा।
भीखाराम के नाती-पोते
पहुँच गये "औली"
पिट्ठू बना संग में भीखू
लादे है झोली
हिमघाटी में जमा बर्फ-सा
बे-बस बंजारा।
मनु के बेटे हैं सारे ही
कहती है पोथी
और जले
पर नमक छिड़कती
राजनीति थोथी
सभागार में उछल रहा है
समता का नारा।
-शैलेन्द्र शर्मा
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