[ सात ]
गुनगुनाती जिंदगी की
लय न टूटे
देखिएगा
यह न हो, लोहा हमारे
सगे रिश्ते तोड़ दे
भूमि की
हरियालियों को
मरुस्थलों में छोड़ दें
रंग-रस मय मधुर
वृन्दावन न छूटे
देखिएगा
तोड़ दरवाजे कहीं
घर में न फिर
अन्धड़ धँसे
खिलखिलाकर
आंगनों में
प्रेत का साया हँसे
द्वेष-दानव एकता का
धन न लूटे
देखिएगा
बंदरों के हाथ में
सद्ग्रन्थ
के पन्ने पड़े
दाढ़ में गंगाजली को
दाबकर कुत्ते लड़ें
शंख, घण्टा
आस्था का घट न फूटे
देखिएगा
-डॉ.शिवबहादुर सिंह भदौरिया
लय न टूटे
देखिएगा
यह न हो, लोहा हमारे
सगे रिश्ते तोड़ दे
भूमि की
हरियालियों को
मरुस्थलों में छोड़ दें
रंग-रस मय मधुर
वृन्दावन न छूटे
देखिएगा
तोड़ दरवाजे कहीं
घर में न फिर
अन्धड़ धँसे
खिलखिलाकर
आंगनों में
प्रेत का साया हँसे
द्वेष-दानव एकता का
धन न लूटे
देखिएगा
बंदरों के हाथ में
सद्ग्रन्थ
के पन्ने पड़े
दाढ़ में गंगाजली को
दाबकर कुत्ते लड़ें
शंख, घण्टा
आस्था का घट न फूटे
देखिएगा
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